राजपुरा अनाज मंडी में लाख बोरी गेहूं पर बरसा बारिश
Grain Market राजपुरा पंजाब के खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु के आदेश के मुताबिक 10 अप्रैल को गेहूँ की बोली शुरू की गई थी। पनसुप के 40 हज़ार गेहूँ के डंठल और करीब 2 लाख गेहूँ के डंठल नीले छत के नीचे पड़े हैं। इन खरीद एजेंसियों ने पूरे राजपुरा में गेहूँ के भंडारण के लिए कोई गोदाम नहीं मिला। वे पानी में भीग गए और उन्हें रखने के लिए जगह नहीं थी और यहाँ तक कि आवारा जानवर भी इस गेहूँ को खा रहे हैं। इस गेहूँ की रक्षा करने वाला कोई नहीं है। बिना तिरपाल के गेहूँ की बोरियाँ बारिश में भीग रही हैं लेकिन सरकारी अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं।मंडी में काम करने वाले मज़दूर भी काफ़ी परेशान हैं। क्योंकि एक माह बीस दिन में भी सरकारी अधिकारियों को गेहूँ का कोई गोदाम नहीं मिला है। यह पहली बार है। राजपुरा की अनाज मंडियों को गोदाम बना दिया गया है लेकिन इस मंडी में काम करने वाले वेतनभोगी मज़दूर भी खासे परेशान हैं।
पालेदार ने कहा कि हम करीब दो महीने से मंडी में बैठे हैं लेकिन उठान नहीं होने से मजदूरी नहीं मिल रही है।गेहूँ उठा रहे हैं तो मजदूरी मिलेगी। इस बात का खुलासा करते हुए आज यहाँ एक अन्य निवासी ने बताया कि राजपुरा की अनाज मंडी में लाखों बोरी गेहूँ नीली छत के नीचे पड़ा है।आवारा जानवर गेहूँ खा रहे हैं लेकिन गेहूँ की रखवाली करने वाला कोई नहीं है। मार्कफेड के अधिकारी और PUNSUP के अधिकारी जिन्होंने गेहूँ खरीदा है, वे घर बैठे आंखें बंद कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों से लाखों रुपये लिए जा रहे हैं।