करोड़पति विधायकों के बेटों को मिली इंस्पेक्टर व नायब तहसीलदार की नौकरी (फाइल फोटो)
दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पौत्र की नियुक्ति के बाद से यह दूसरा मौका है जब कैबिनेट ने दो विधायकों के पुत्रों को विशेष मामले के रूप में रोजगार दिया है। कैबिनेट ने मुआवजा नीति 2002 के तहत इन मामलों में रोजगार और ग्रुप बी में रोजगार के लिए विशेष छूट दी है। कैबिनेट ने कादियां विधानसभा क्षेत्र से विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के पुत्र अर्जन प्रताप सिंह बाजवा को पुलिस निरीक्षक और कांग्रेस विधायक राकेश पांडे के पुत्र भीष्म पांडे को लुधियाना (उत्तर) से नायब तहसीलदार नियुक्त करने का भी निर्णय लिया.
फतेहजंग सिंह के पिता सतनाम सिंह बाजवा को आतंकियों ने मार गिराया था। कैबिनेट ने घटनाओं के दशकों बाद इन दोनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है। लुधियाना के विधायक राकेश पांडे के पिता जोगिंदरपाल पांडे को भी आतंकियों ने मार गिराया था। चुनाव के दौरान विधायक पांडे द्वारा दायर एक हलफनामे के अनुसार, पांडे परिवार के पास 3.26 करोड़ रुपये की संपत्ति और चार वाहन हैं.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी लगातार इसका विरोध कर रही थी. आप का तर्क है कि एक तरफ सरकार अपने वादों के बावजूद बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने से भाग रही है तो दूसरी तरफ अपने करोड़पति विधायकों के बेटों को नौकरी दे रही है.
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