गुजरात के किसानों की किस्मत चमकी, गुजरात के किसानों को मिला 14,000 रुपये प्रति लीटर तेल
जिले की दीसा तहसील के भोयां गांव के किसान श्रीकांतभाई पांचाल ने अपने खेत में जेरेनियम की खेती कर सबको चौंका दिया है. उन्होंने 7 बीघा जमीन में जेरेनियम के पौधे लगाए हैं। इसके अलावा उन्होंने जेरेनियम के फूलों से तेल निकालने के लिए एक प्लांट भी लगाया है।
श्रीकांत कहते हैं कि शुरुआत में जेरेनियम की खेती करने में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन कड़ी मेहनत के चलते जेरेनियम के पौधों को लेकर खेत में काफी राहत मिलती है. उसने कहा कि वह खेत से निकलकर फूलों का तेल बेच रहा था और उसे एक लीटर तेल के लिए 14,000 रुपये मिले।
जेरेनियम एक सुगंधित पौधा है। इस पौधे को गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है। जेरेनियम तेल की आज बाजार में काफी मांग है। गेरियम का तेल फूलों से निकाला जाता है, जिसका उपयोग दवा के साथ-साथ अन्य उपयोगों में भी किया जाता है। गेरियम के तेल में गुलाब जैसी गंध होती है और इसका उपयोग अरोमाथेरेपी, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और सुगंधित साबुन में किया जाता है।
अधिकांश जेरेनियम की खेती विदेशों में की जाती है और जेरेनियम के पौधे से निकाला गया तेल बहुत महंगा होता है। भारत में कीमतें लगभग 12,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति लीटर के बीच हैं।
शोधकर्ता डॉ. योगेशभाई पवार का कहना है कि गेरियम की खेती से अधिक लाभ कमाया जा सकता है और सरकार कृषि पर सब्सिडी भी देती है। यदि बाजार में इस तेल की अधिक खपत होती है तो किसानों को अधिक लाभ मिल सकता है।
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